निर्भया केस: इस बस में दरिंदों ने की थी हैवानियत की हदें पार, खून के धब्बे और बाल बने थे सबूत, आज ऐसा है हाल

निर्भया के साथ दरिंदगी करने वाले चार दोषियों को आज सुबह फांसी दे दी गई। एक दोषी ने पहले ही जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं एक अन्य नाबालिग दोषी गुमनामी में जी रहा है, लेकिन वो बस जिसमें दरिंदगी की इस घटना को अंजाम दिया गया वह आज भी उस दर्दनाक रात की पूरी कहानी को बयां कर रही है। 


यादव ट्रैवल्स की बस नंबर DL 1PC 0149 वही बस है जिसमें सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस बस को देखकर दिल्ली पुलिस से लेकर वसंत विहार इलाके के आसपास रहने वाले लोग आज भी गुस्से से बौखला उठते हैं। इस केस की जांच में शामिल रहे पुलिसकर्मियों का भी कहना है कि जब वह इस बस को देखते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और गुस्सा आ जाता है। 


निर्भया के साथ जिस बस में बर्बरता हुई वह किसी दिनेश यादव नाम के शख्स की थी। वह बस दिनेश को कभी वापस तो नहीं मिली, लेकिन उस रात के बाद बस भी कभी नहीं चली। आज सात साल बाद उस बस को देखने पर ऐसा लगता है मानो वह खुद निर्भया के साथ हुए हादसे को चीख-चीख कर दुनिया को बता रही हो।


उस वक्त अगर यह बस लोगों के हाथ लग जाती तो शायद आज इसके पुर्जे भी न मिलते। लोगों के गुस्से से इसे बचाया जा सके और सारे सबूत पाए जा सकें इसके लिए पुलिस ने इसे बड़े ही गुपचुप तरीके से सुरक्षित रखने की योजना बनाई। पुलिस ने बेहद ही गुप्त तरीके से इस बस को त्यागराज स्टेडियम के बाहर खड़ी बहुत सी बसों के बीच ले जाकर खड़ा कर दिया था ताकि किसी को भी शक न हो।